पोस्ट संख्या-49 हिंदी दिवस पर विशेष सृजन: डॉ.पूर्णिमा राय(2015-2023)

 हिंदी दिवस पर विशेष सृजन: डॉ.पूर्णिमा राय(2015-2023)



1*ग़ज़ल (2015)

बनाकर भावों की बाती चलो दीपक जलाते हैं।                               धरा पर पेड़ हिंदी  के चलो मिलकर लगाते हैं।

मिटा कर झगड़े भाषा के नयी दुनिया बनायें हम।                        सजा कर प्रीत की बोली चलो खुशियां मनाते हैं।।

दिखाकर प्रेम हिंदी से बढ़ायें मान भारत का                                  सुना कर गीत हिंदी के चलो सत्कार पाते हैं।।

मिला जब संग हिंदी का खिले गुलशन बहारों का.                            बहा कर ज्ञान की धारा चलो जन्नत बसाते हैं।।

सदा गुण ही तलाशे हैं छिपाकर ऐब औरों के                                  लुटा कर "पूर्णिमा" जग में चलो तम को हटाते हैं।


2*हिन्दी का पूजन पग-पग है!(कविता-2016)

हिन्दी से तन-मन खिल जाए। हिन्दी से सब गम मिट जाए।।        हिन्दी भाषा अजर अमर है; हर भाषा में घुल-मिल जाए।।

स्वर व्यंजन हम जब लिखते हैं। दीप दिलों में तब जलते हैं।।        हिन्दी भाषा के गौरव से ; विश्व पटल पर जन सजते हैं।।

भाषा को सम्मान दिलाएं। बाल युवा वृद्ध को पढ़ाएं।।                  हिन्दी को समृद्ध करें सभी; भारत का आँगन महकाएं।।

बोल खड़ी बोली के कहते। हिन्दी भाषी दिल में रहते।।                 भाषा पर अधिकार जमा कर; नदिया की धारा सा बहते।।

नवरस मीठा गान सुनाएं। जीने का अरमान जगाएं।।                   भाषा की दीवार तोड़कर; हिन्द-प्रेम से भवन बनाएं।

ज्यों चाँद "पूर्णिमा" जग-मग है। त्यों हिन्दी भाषा रग-रग है।।       महादेव के वंदन जैसा; हिन्दी का पूजन पग-पग है।।

डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर(पंजाब)


3* हिंदी दिवस फिर आया है(गीत-2022)

नाच लो गा लो मौज मना लो हिंदी दिवस फिर आया है।

भारत देश की सुप्त आत्मा को जगाने आया है।।

हिंदी में हस्ताक्षर करना सब का ये ही कहना है,

हिंदी बोली मीठी लगती हिंदी दिल में रखना है,

पंजाबी,अंग्रेजी,हिन्दी का भेद मिटाने आया है।

नाच लो गा लो मौज मना लो हिंदी दिवस फिर आया है...।।

हिंदी का अखबार पढ़ो और हिंदी ज्ञान बढ़ाओ तुम,

हिंदी कविता,लेख लिखो और मैगज़ीन में छपवाओ तुम,

शुद्ध हिंदी बोलें और समझें जग को सिखाने आया है।

नाच लो गा लो मौज मना लो हिंदी दिवस फिर आया है...।।

हिंदी इतनी नहीं है मुश्किल जितनी हमको लगती है,

भारत देश के भाल पे देखो हिंदी बिंदी सजती है,

चौदह सितम्बर हिंदी दिवस की याद दिलाने आया है।

नाच लो गा लो मौज मना लो हिंदी दिवस फिर आया है...।।


4* मनहरण घनाक्षरी(2016)

चमके है बिंदी सदा सुन्दर भाल नारी के 
बनी देश भारत की पहचान हिंदी से।।

बोले सदा वाणी यहीजय-जयकार हिंदी 
भाषा उपभाषा को भी मिला मान हिंदी से।।

हिंदी भाषा सीधी-सादी मीठी बोली बड़ी प्यारी 
धरोहर संस्कृति का मिला ज्ञान हिंदी से।।

देह में बसी हो हिंदी दिल में हो धड़कन ,
मिटे भाषा जाति धर्म व्यवधान हिंदी से।।


5* हिंदी है हम (गीत-2023)

हिंदी है हम,हिंदी बोलें, हिंदी का प्रचार करें।

हिंदी दिवस पर,सूर कबीरा जायसी का गुणगान करे।।

हिंदी है हम....

हिंदी हमारी शान है हिंदी स्वाभिमान है।

हिंदी दिवस पर ,पंत निराला,तुलसी का यशोगान करें।।

हिंदी है हम....

हिंदी मीठी बोली है ,हर भाषा की हमजोली है।

हिंदी दिवस पर, हिंदी के संग हर भाषा का मान करें।।

हिंदी है हम.....

हिंदी विपुल भंडार है, संस्कृति का आधार है

हिंदी दिवस पर, मानव-मूल्यों का ही मृदुल गान करें।।

हिंदी है हम....

हिंदी हिंद‌ महासागर है,शब्दों की यह गागर है।

हिंदी दिवस पर,गुरुजनों का "पूर्णिमा"हम सम्मान करें।।

हिंदी है हम....

डॉ.पूर्णिमा राय,शिक्षिका एवं लेखिका,

आलोचना पुरस्कार विजेता,भाषा विभाग पटियाला, पंजाब ।

drpurnima01.dpr@gmail.com


Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण बनाम मानव जीवन

शिक्षा धन महादान है