प्रख्यात हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जी के जन्मदिवस पर विशेष सृजन पोस्ट संख्या-63 लम्हीं गांव में जन्म हुआ, जिला था वाराणसी। पिता अजायब राय थे माता आनंदी देवी।। धनपत राय नाम था, प्रेमचंद पहचान। हिंदी उर्दू कथाकार, गोदान को मिला सम्मान। तीन सौ से अधिक कहानियाँ, प्रत्येक कहानी दमदार। समाज सुधारक शिक्षक, प्रख्यात थे रचनाकार।। भाषा मुहावरेदार थी, भरा हुआ था चमत्कार भाषा जाति छूआछूत, से मुक्त किया संसार।। नारी हित की सोच थी, बाल विवाह का व्यास। विधवा विवाह के पक्ष में निर्मला लिखा उपन्यास।। जन्म-दिवस पर "पूर्णिमा", अर्पित करें सुमन। उज्ज्वल हिंदी सम्राट को शत् शत् आज नमन।। डॉ.पूर्णिमा राय,पंजाब 31/7/25