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Showing posts from September, 2023

ए दिल मेरे

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ए दिल मेरे  पोस्ट संख्या-51 कोई आये कोई जाये,  ग़म न करना ए दिल मेरे। सपने अधूरे न रहेंगे किसी के,  हो जायेंगे सपने पूरे।। मन की लगन को जिंदा रखना, जिंदादिल ही जिंदगी जीते। कर्मों का फल मिलता यहीं पर, हिम्मती ही विष का घूँट पीते।। कोई आये कोई जाये..... अपनी कमी को जो स्वीकारे , वो ही दुनिया में यश हैं पाते। गुण-अवगुण से ऊपर उठकर , खुद ही अपनी जगह बनाते।। कोई आये कोई जाये.... मन की स्वच्छता है सबसे ऊपर, गोरी देह तो मृगतृष्णा सी। सत्य तो सत्य है अमर रहेगा , मीरां दीवानी बस कृष्णा की।। कोई आये कोई जाये.. ‌ जिस थाली में खाना खाओ,  उस थाली में छेद न करना। जीवन "पूर्णिमा" छोटा सा है  एक दिन हम सबको भी मरना।। कोई आये कोई जाये.... डॉ.पूर्णिमा राय, पंजाब  21/9/23

पोस्ट संख्या-50 आँचल

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  आँचल (लघुकथा) स्कूल लगने की घंटी के साथ ही सब छात्र-छात्रायें कतारों में खड़े होकर ईश वंदना करने लगे।राष्ट्र गान जन गण मन की मधुर धुन के बजते ही अदब से सभी  बिना हिलजुल के खड़े हो गये।अब आपके सामने नवम् कक्षा की आँचल आज का विचार पेश करेगी, अध्यापक के संबोधन को सुनकर सब तालियाँ बजाते हुये आँचल के स्टेज पर आने की प्रतीक्षा करने लगे। एक साँवली सी लड़की अपनी मधुर आवाज़ में बोली,परिवार !! और साथ ही रो पड़ी!!सभी हतप्रभ से  आँचल को निहारने लगे ।ये लड़की तो सदैव हँसती खिलखिलाती नजर आती थी,हरेक कार्य में निपुण ,आज आँसुओं भरी आँखों से बस एक ही शब्द परिवार कहकर चुप क्यों हो गई।सुबकती आँचल ने आँचल से भीगी आँखें पोंछते कहा,मेरा परिवार बिखर गया।मेरे दादा जी ने पापा को घर से निकाल दिया ।दादा जी के बार-बार समझाने पर भी पापा ने मम्मी को सबके सामने मारना,गाली गलौच करना बंद न किया था।और शराब पीने से परहेज न किया।अचानक प्रिंसीपल ने पीछे से आँचल के कँधे पर हाथ रखकर उसे धैर्य बँधवाते कहा,तुम्हारे दादा जी ने तुम्हारे पिता को सबक सिखाने के लिये ऐसा किया है।तुम घबराओ मत! स्कूल एक मंदिर है और हम सब यह...

पोस्ट संख्या-49 हिंदी दिवस पर विशेष सृजन: डॉ.पूर्णिमा राय(2015-2023)

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  हिंदी दिवस पर विशेष सृजन: डॉ.पूर्णिमा राय(2015-2023) 1*ग़ज़ल  (2015) बनाकर भावों की बाती चलो दीपक जलाते हैं।                               धरा पर पेड़ हिंदी  के चलो मिलकर लगाते हैं। मिटा कर झगड़े भाषा के नयी दुनिया बनायें हम।                        सजा कर प्रीत की बोली चलो खुशियां मनाते हैं।। दिखाकर प्रेम हिंदी से बढ़ायें मान भारत का                                  सुना कर गीत हिंदी के चलो सत्कार पाते हैं।। मिला जब संग हिंदी का खिले गुलशन बहारों का.                            बहा कर ज्ञान की धारा चलो जन्नत बसाते हैं।। सदा गुण ही तलाशे हैं छिपाकर ऐब औरों के                                  लुटा कर "प...

पोस्ट संख्या-48 ध्यान लगाकर सुख मिले

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 दोहे_पूर्णिमा-01 ध्यान लगाकर सुख मिले,कष्ट मुक्त संसार । मुख-मण्डल पर ओज हो, भवसागर हो पार।।१ विनय हृदय से कर रही,जग में फैले प्यार। खुशहाली के नूर से ,ईश दिखे साकार।।२ चित्त भी पावन हो गया,आस जगी हर ओर। फूल-फूल पर ओस है,नाचे मनवा मोर।।३ वक्त बदलता वक्त से,मन मत ज्यादा सोच। विश्वव्यापी बन ज़रा, वर्तमान को लोच।।४ मन पतंगा कह रहा,मत करना विश्राम। चमक "पूर्णिमा" चमकती,धरा पे तीर्थधाम।।५ डॉ.पूर्णिमा राय, पंजाब  3/9/23

पोस्ट संख्या-47 हिंदी है हम

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  14सितंबर हिंदी दिवस  -गीत संख्या -1 हिंदी है हम (गीत) : डॉ.पूर्णिमा राय हिंदी है हम,हिंदी बोलें, हिंदी का प्रचार करें। हिंदी दिवस पर,सूर कबीरा जायसी का गुणगान करे।। हिंदी है हम.... हिंदी हमारी शान है हिंदी स्वाभिमान है। हिंदी दिवस पर ,पंत निराला,तुलसी का यशोगान करें।। हिंदी है हम.... हिंदी मीठी बोली है ,हर भाषा की हमजोली है। हिंदी दिवस पर, हिंदी के संग हर भाषा का मान करें।। हिंदी है हम..... हिंदी विपुल भंडार है, संस्कृति का आधार है हिंदी दिवस पर, मानव-मूल्यों का ही मृदुल गान करें।। हिंदी है हम.... हिंदी हिंद‌ महासागर है,शब्दों की यह गागर है। हिंदी दिवस पर,गुरुजनों का "पूर्णिमा"हम सम्मान करें।। हिंदी है हम.... डॉ.पूर्णिमा राय, पंजाब  9/9/23