ए-वतन ,तेरे लिये! स्वतंत्रता दिवस विशेष

यूँ तो हम ,कुछ न कर सके ,ए-वतन ,तेरे लिये! वीर भावना से ,सजे कलम, जब तक चले!! (स्वतंत्रता दिवस विशेष:डॉ.पूर्णिमा राय) अपनी राष्ट्रभक्ति, देश-प्रेम ,आत्मविश्वास, जोश ,वीर जज्बे एवं सुदृढ़ निश्चय से मंजिलों को जीतने वाले एवं अपना आप न्योछावर करने वाली वीर आत्माओं के पद चिह्नों पर चलने से कोई किसी को रोक नहीं सकता।कुछ ऐसे वीर योद्धा हुये जो चाहे आज दुनिया में नहीं हैं पर उनको किसी न किसी रूप में सदैव स्मरण किया जाता है और किया जाता रहेगा। देश-प्रेम से दब सके,देश-द्रोह अंगार । सुप्त चेतना में भरें,मिलकर हम सब प्यार।। कहते हैं वीरता एवं साहस का अहसास खून में होता है ,काफी हद तक उचित भी है पर इससे अधिक आवश्यक है कि इस वीरता एवं जोश को बाहर निकाला जाये।मानव के भीतर साहसी प्रवृति किसी में अधिक और किसी में कम होती है ।युवाओं में खून गर्म होता है ,आम कहते सुना जाता है।उनकी शक्ति को सही दिशा दी जाये तो वह देश समाज के हित में लाभदायक होगी और अगर उनकी हिम्मत एवं शक्ति का सदुपयोग न हुआ तो वह समाज और देश का तो छोड़ो ,खुद का ही विनाश कर बैठते हैं।कोई अपनी शारीरिक बल से ,कोई बौद्धिक एवं...