शिक्षा धन महादान है

 शिक्षा धन महादान है( कविता)

पोस्ट संख्या -66

कैसे यह हालात हैं।

खाली सबके हाथ हैं।।

यह है मेरा वे सब तेरा

अपनों के जज़्बात हैं।।

चहुँ ओर है मेरा-मेरी ।

थोड़ी बहुत हेरा-फेरी।।

गुरु घर की जो टेर करे,

मेहर होती उस पर तेरी।।

पुण्य-कर्म कमाये जो ।

जीवन सफल बनाये वो।।

मेहनत से पीछे ना हटता,

जीते जी यश पाये सो ।।

"पूर्णिमा" अंग-संग राम है ।

सेव्य भाव ही महान है।।

जितना चाहे धन कमा लो

शिक्षा धन महादान है ।।


डॉ.पूर्णिमा राय, पंजाब 







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