पोस्ट संख्या-12 बुजुर्ग घर की शान है प्यारे।
गज़ल-12 पोस्ट संख्या-12
बुजुर्ग घर की शान है प्यारे।
बेटा बेटी समान है प्यारे।।
नन्हीं कली ने हँसकर कहा ।
फूल कुल की आन है प्यारे।।
गम भरे हर दिल को अब ।
प्यार का अरमान है प्यारे।।
बढ़ रही बेचैनियाँ बस।
न दिखी मुस्कान है प्यारे।।
दिवस रूठे तन भी जर्जर ।
दिल अभी तक जवान है प्यारे।।
अम्बर संग धरती डोल रही।
आया भारी तूफान है प्यारे।।
मिली खुशी हर आँगन महका।
ईश्वर का वरदान है प्यारे।।
सजी" पूर्णिमा"नील गगन में।
साथ मेरा ईमान है प्यारे।।
डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर
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