पोस्ट संख्या- 2 बेटियों का अब जमाना आ गया।
गज़ल-2 पोस्ट संख्या- 2
बेटियों का अब जमाना आ गया।
हार में भी मुस्कुराना आ गया।।(1)
रोज परचम जीत का लहरा रहीं
आस उनपर भी लगाना आ गया।।(2)
लाडले बेटे अगर माँ-बाप के
प्यार बिटिया पर लुटाना आ गया।।(3)
फौज़ में भर्ती हुई जब बेटियाँ
गर्व से सीना फुलाना आ गया।।(4)
अब नहीं कमजोर जग में बेटियाँ
राह के कंटक हटाना आ गया।।(5)
वे सदा हक के लिये लड़ती रहीं
फर्ज उनको भी निभाना आ गया।।(6)
दान दें दें जिन्दगी का हम उन्हें
"पूर्णिमा" बन जगमगाना आ गया।।(7)
डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर।
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