पोस्ट संख्या- 30 जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ खुलासा देखिये।
गज़ल- 30 पोस्ट संख्या- 30
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ खुलासा देखिये।
प्यार में रुस्वाइयों का मत तमाशा देखिये।।
चीखते चिल्ला रहे सब आज बहरे लोग हैं;
आपबीती कह न पाते मन निराशा देखिये।।
धुंध सतही भीतरी मन की परत थी खुल रही;
बादलों की ओट में सजता कुहासा देखिये।।
बोल मीठे मुख पे रखकर माँगते यह वोट हैं ;
राजनैतिक चाल का झूठा दिलासा देखिये।।
आसमाँ को छू रहे जिन्दादिली पहचान है;
"पूर्णिमा" युग मानवों की यह जिज्ञासा देखिये।।
.डॉ.पूर्णिमा राय,अमृतसर।9/1/17
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