पोस्ट संख्या- 41भक्ति भावों से दुनिया का उद्धार हो।
गज़ल- 41 पोस्ट संख्या- 41
भक्ति भावों से दुनिया का उद्धार हो।
सत्य राहों से सजता ये संसार हो।।
बीज बीजें सदा हम ये इन्सानियत;
प्रेम उपजा खिला तब ही व्यवहार हो।।
चैन की बांसुरी ये है बजती तभी।;
मन से होता अगर दूर तकरार हो।।
सात रंगों की चाहत हैं रखते सभी;
"पूर्णिमा" से ही आलम ये गुलजार हो।।
डॉ.पूर्णिमा राय, पंजाब
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