पोस्ट संख्या- 5 नज़र का प्यार पढ़ लेना।

 गज़ल-5 पोस्ट संख्या- 5



नज़र का प्यार पढ़ लेना।

सुनो दिलदार पढ़ लेना।।

लुटाती प्रेम हैं पवनें;

किया शृंगार पढ़ लेना।।

सुगंधित फूल उपवन में;

खिले हैं यार पढ़ लेना।।

कसक दिखती जगत में अब;

भरी अख़बार पढ़ लेना।।

सुहानी रात का आँचल;

छिपा दीदार पढ़ लेना।।

घिरी काली घटाओं में;

हवा का वार पढ़ लेना।।

छिपाकर हम करेंगे क्या;

कभी किरदार पढ़ लेना।।

पुकारे " पूर्णिमा "तम को ;

गगन ललकार पढ़ लेना।।

...डॉ.पूर्णिमा राय, पंजाब



सहज साहित्य ---अंक 681 प्रकाशित

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